4. मैं निकम्मी चाल चलने वालों के संग नहीं बैठा, और न मैं कपटियों के साथ कहीं जाऊंगा;
5. मैं कुकर्मियों की संगति से घृणा रखता हूं, और दुष्टों के संग न बैठूंगा॥
6. मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊंगा, तब हे यहोवा मैं तेरी वेदी की प्रदक्षिणा करूंगा,
7. ताकि तेरा धन्यवाद ऊंचे शब्द से करूं,