22. मैं अपने भाइयों के साम्हने तेरे नाम का प्रचार करूंगा; सभा के बीच में तेरी प्रशंसा करूंगा।
23. हे यहोवा के डरवैयों उसकी स्तुति करो! हे याकूब के वंश, तुम सब उसकी महिमा करो! हे इस्त्राएल के वंश, तुम उसका भय मानो!
24. क्योंकि उसने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, ओर न उससे अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली॥