6. बिजली कड़का कर उन को तितर बितर कर दे, अपने तीर चला कर उन को घबरा दे!
7. अपने हाथ ऊपर से बढ़ा कर मुझे महासागर से उबार, अर्थात परदेशियों के वश से छुड़ा।
8. उनके मुंह से तो व्यर्थ बातें निकलती हैं, और उनके दाहिने हाथ से धोखे के काम होते हैं॥
9. हे परमेश्वर, मैं तेरी स्तुति का नया गीत गाऊंगा; मैं दस तार वाली सारंगी बजा कर तेरा भजन गाऊंगा।
10. तू राजाओं का उद्धार करता है, और अपने दास दाऊद को तलवार की मार से बचाता है।
11. तू मुझ को उबार और परदेशियों के वश से छुड़ा ले, जिन के मुंह से व्यर्थ बातें निकलती हैं, और जिनका दाहिना हाथ झूठ का दाहिना हाथ है॥
12. जब हमारे बेटे जवानी के समय पौधों की नाईं बढ़े हुए हों, और हमारी बेटियां उन कोने वाले पत्थरों के समान हों, जो मन्दिर के पत्थरों की नाईं बनाए जाएं;