10. उसने मिस्त्रियों के पहिलौठों को मारा, उसकी करूणा सदा की है॥
11. और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करूणा सदा की है।
12. बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से निकाल लाया, उसकी करूणा सदा की है।
13. उसने लाल समुद्र को खण्ड खण्ड कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।
14. और इस्राएल को उसके बीच से पार कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।
15. और फिरौन को सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करूणा सदा की है।
16. वह अपनी प्रजा को जंगल में ले चला, उसकी करूणा सदा की है।