1. मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
2. मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है॥
3. वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा।
4. सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा॥
5. यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।