12. हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!
13. तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।
14. मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।
15. मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।
16. मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा॥