22. राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है।
23. यह तो यहोवा की ओर से हुआ है, यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
24. आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस में मगन और आनन्दित हों।
25. हे यहोवा, बिनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, बिनती सुन, सफलता दे!