भजन संहिता 118:17-29 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. मैं न मरूंगा वरन जीवित रहूंगा, और परमेश्वर के कामों का वर्णन करता रहूंगा।

18. परमेश्वर ने मेरी बड़ी ताड़ना तो की है परन्तु मुझे मृत्यु के वश में नहीं किया॥

19. मेरे लिये धर्म के द्वार खोलो, मैं उन से प्रवेश करके याह का धन्यवाद करूंगा॥

20. यहोवा का द्वार यही है, इस से धर्मी प्रवेश करने पाएंगे॥

21. हे यहोवा मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, क्योंकि तू ने मेरी सुन ली है और मेरा उद्धार ठहर गया है।

22. राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है।

23. यह तो यहोवा की ओर से हुआ है, यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है।

24. आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस में मगन और आनन्दित हों।

25. हे यहोवा, बिनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, बिनती सुन, सफलता दे!

26. धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हम ने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है।

27. यहोवा ईश्वर है, और उसने हम को प्रकाश दिया है। यज्ञपशु को वेदी के सींगों से रस्सियों बान्धो!

28. हे यहोवा, तू मेरा ईश्वर है, मैं तेरा धन्यवाद करूंगा; तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझ को सराहूंगा॥

29. यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा बनी रहेगी!

भजन संहिता 118