1. हे परमेश्वर, मेरा हृदय स्थिर है; मैं गाऊंगा, मैं अपनी आत्मा से भी भजन गाऊंगा।
2. हे सारंगी और वीणा जागो! मैं आप पौ फटते जाग उठूंगा!
3. हे यहोवा, मैं देश देश के लोगों के मध्य में तेरा धन्यवाद करूंगा, और राज्य राज्य के लोगों के मध्य में तेरा भजन गाऊंगा।
4. क्योंकि तेरी करूणा आकाश से भी ऊंची है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक है॥
5. हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो! और तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो!
6. इसलिये कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएं, तू अपने दाहिने हाथ से बचा ले और हमारी बिनती सुन ले!