भजन संहिता 107:20-33 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. वह अपने वचन के द्वारा उन को चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है।

21. लोग यहोवा की करूणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

22. और वे धन्यवाद बलि चढ़ाएं, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें॥

23. जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं;

24. वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं।

25. क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है।

26. वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता;

27. वे चक्कर खाते, और मत वाले की नाईं लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है।

28. तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है।

29. वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं।

30. तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है।

31. लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।

32. और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें॥

33. वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है।

भजन संहिता 107