45. और उनके हित अपनी वाचा को स्मरण करके अपनी अपार करूणा के अनुसार तरस खाया,
46. और जो उन्हें बन्धुए करके ले गए थे उन सब से उन पर दया कराई॥
47. हे हमारे परमेश्वर यहोवा, हमारा उद्धार कर, और हमें अन्यजातियों में से इकट्ठा कर ले, कि हम तेरे पवित्र नाम का धन्यवाद करें, और तेरी स्तुति करते हुए तेरे विषय में बड़ाई करें॥
48. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अनादिकाल से अनन्तकाल तक धन्य है! और सारी प्रजा कहे आमीन! याह की स्तुति करो॥