36. और उनकी मूर्तियों की पूजा करने लगे, और वे उनके लिये फन्दा बन गईं।
37. वरन उन्होंने अपने बेटे- बेटियों को पिशाचों के लिये बलिदान किया;
38. और अपने निर्दोष बेटे- बेटियों का लोहू बहाया जिन्हें उन्होंने कनान की मूर्तियों पर बलि किया, इसलिये देश खून से अपवित्र हो गया।