भजन संहिता 106:25-43 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

25. वे अपने तम्बुओं में कुड़कुड़ाए, और यहोवा का कहा न माना।

26. तब उसने उनके विषय में शपथ खाई कि मैं इन को जंगल में नाश करूंगा,

27. और इनके वंश को अन्यजातियों के सम्मुख गिरा दूंगा, और देश देश में तितर बितर करूंगा॥

28. वे पोर वाले बाल देवता को पूजने लगे और मुर्दों को चढ़ाए हुए पशुओं का मांस खाने लगे।

29. यों उन्होंने अपने कामों से उसको क्रोध दिलाया और मरी उन में फूट पड़ी।

30. तब पीनहास ने उठ कर न्यायदण्ड दिया, जिस से मरी थम गई।

31. और यह उसके लेखे पीढ़ी से पीढ़ी तक सर्वदा के लिये धर्म गिना गया॥

32. उन्होंने मरीबा के सोते के पास भी यहोवा का क्रोध भड़काया, और उनके कारण मूसा की हानि हुई;

33. क्योंकि उन्होंने उसकी आत्मा से बलवा किया, तब मूसा बिन सोचे बोल उठा।

34. जिन लोगों के विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी, उन को उन्होंने सत्यानाश न किया,

35. वरन उन्हीं जातियों से हिलमिल गए और उनके व्यवहारों को सीख लिया;

36. और उनकी मूर्तियों की पूजा करने लगे, और वे उनके लिये फन्दा बन गईं।

37. वरन उन्होंने अपने बेटे- बेटियों को पिशाचों के लिये बलिदान किया;

38. और अपने निर्दोष बेटे- बेटियों का लोहू बहाया जिन्हें उन्होंने कनान की मूर्तियों पर बलि किया, इसलिये देश खून से अपवित्र हो गया।

39. और वे आप अपने कामों के द्वारा अशुद्ध हो गए, और अपने कार्यों के द्वारा व्यभिचारी भी बन गए॥

40. तब यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का, और उसको अपने निज भाग से घृणा आई;

41. तब उसने उन को अन्यजातियों के वश में कर दिया, और उनके बैरियों ने उन पर प्रभुता की।

42. उन के शत्रुओं ने उन पर अन्धेर किया, और वे उनके हाथ तले दब गए।

43. बारम्बार उसने उन्हें छुड़ाया, परन्तु वे उसके विरुद्ध युक्ति करते गए, और अपने अधर्म के कारण दबते गए।

भजन संहिता 106