34. इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में।
35. तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।
36. मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है।
37. फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उस ने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।
38. तब उस ने रथ खड़ा करने की आज्ञा दी, और फिलेप्पुस और खोजा दोनों जल में उतर पड़े, और उस ने उसे बपतिस्मा दिया।
39. जब वे जल में से निकलकर ऊपर आए, तो प्रभु का आत्मा फिलेप्पुस को उठा ले गया, सो खोजे ने उसे फिर न देखा, और वह आनन्द करता हुआ अपने मार्ग चला गया।
40. और फिलेप्पुस अशदोद में आ निकला, और जब तक कैसरिया में न पहुंचा, तब तक नगर नगर सुसमाचार सुनाता गया॥