13. तब शमौन ने आप भी प्रतीति की और बपतिस्मा लेकर फिलेप्पुस के साथ रहने लगा और चिन्ह और बड़े बड़े सामर्थ के काम होते देखकर चकित होता था।
14. जब प्रेरितों ने जो यरूशलेम में थे सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन मान लिया है तो पतरस और यूहन्ना को उन के पास भेजा।
15. और उन्होंने जाकर उन के लिये प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा पाएं।
16. क्योंकि वह अब तक उन में से किसी पर न उतरा था, उन्होंने तो केवल प्रभु यीशु में नाम में बपतिस्मा लिया था।
17. तब उन्हों ने उन पर हाथ रखे और उन्होंने पवित्र आत्मा पाया।
18. जब शमौन ने देखा कि प्रेरितों के हाथ रखने से पवित्र आत्मा दिया जाता है, तो उन के पास रूपये लाकर कहा।