11. और परमेश्वर पौलुस के हाथों से सामर्थ के अनोखे काम दिखाता था।
12. यहां तक कि रूमाल और अंगोछे उस की देह से छुलवाकर बीमारों पर डालते थे, और उन की बीमारियां जाती रहती थी; और दुष्टात्माएं उन में से निकल जाया करती थीं।
13. परन्तु कितने यहूदी जो झाड़ा फूंकी करते फिरते थे, यह कहने लगे, कि जिन में दुष्टात्मा हों उन पर प्रभु यीशु का नाम यह कहकर फूंके कि जिस यीशु का प्रचार पौलुस करता है, मैं तुम्हें उसी की शपथ देता हूं।
14. और स्क्किवा नाम के एक यहूदी महायाजक के सात पुत्र थे, जो ऐसा ही करते थे।
15. पर दुष्टात्मा ने उत्तर दिया, कि यीशु को मैं जानती हूं, और पौलुस को भी पहचानती हूं; परन्तु तुम कौन हो?
16. और उस मनुष्य ने जिस में दुष्ट आत्मा थी; उन पर लपक कर, और उन्हें वश में लाकर, उन पर ऐसा उपद्रव किया, कि वे नंगे और घायल होकर उस घर से निकल भागे।