16. उस ने बीते समयों में सब जातियों को अपने अपने मार्गों में चलने दिया।
17. तौभी उस ने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर, तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।
18. यह कह कर भी उन्होंने लोगों को कठिनता से रोका कि उन के लिये बलिदान न करें॥