25. तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया।
26. और जब उन से मिला तो उसे अन्ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए॥
27. उन्हीं दिनों में कई भविष्यद्वक्ता यरूशलेम से अन्ताकिया में आए।