4. पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है।
5. सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मै तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा।
6. पर हां तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिन से मैं भी घृणा करता हूं।
7. जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा॥