25. पर हां, जो तुम्हारे पास है उस को मेरे आने तक थामें रहो।
26. जो जय पाए, और मेरे कामों के अनुसार अन्त तक करता रहे, मैं उसे जाति जाति के लोगों पर अधिकार दूंगा।
27. और वह लोहे का राजदण्ड लिये हुए उन पर राज्य करेगा, जिस प्रकार कुम्हार के मिट्टी के बरतन चकनाचूर हो जाते है: जैसे कि मै ने भी ऐसा ही अधिकार अपने पिता से पाया है।
28. और मैं उसे भोर का तारा दूंगा।
29. जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है॥