3. और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, कि हे र्स्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य बड़े, और अद्भुत हैं, हे युग युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची है।
4. हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्डवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं॥
5. और इस के बाद मैं ने देखा, कि स्वर्ग में साक्षी के तम्बू का मन्दिर खोला गया।
6. और वे सातोंस्वर्गदूत जिन के पास सातों विपत्तियां थीं, शुद्ध और चमकती हुई मणि पहिने हुए छाती पर सुनहले पटुके बान्धे हुए मन्दिर से निकले।