47. जब अबीमेलेक को यह समाचार मिला कि शकेम के गुम्मट के सब मनुष्य इकट्ठे हुए हैं,
48. तब वह अपने सब संगियों समेत सलमोन नाम पहाड़ पर चढ़ गया; और हाथ में कुल्हाड़ी ले पेड़ों में से एक डाली काटी, ओर उसे उठा कर अपने कन्धे पर रख ली। और अपने संग वालों से कहा कि जैसा तुम ने मुझे करते देखा वैसा ही तुम भी झटपट करो।
49. तब उन सब लोगों ने भी एक एक डाली काट ली, और अबीमेलेक के पीछे हो उन को गढ़ पर डालकर गढ़ में आग लगाई; तब शकेम के गुम्मट के सब स्त्री पुरूष जो अटकल एक हजार थे मर गए॥
50. तब अबीमेलेक ने तेबेस को जा कर उसके साम्हने डेरे खड़े करके उसको ले लिया।
51. परन्तु एक नगर के बीच एक दृढ़ गुम्मट था, सो क्या स्त्री पुरूष, नगर के सब लोग भागकर उस में घुसे; और उसे बन्द करके गुम्मट की छत पर चढ़ गए।
52. तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जा कर उसके विरुद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उस में आग लगाए।
53. तब किसी स्त्री ने चली के ऊपर का पाट अबीमेलेक के सिर पर डाल दिया, और उसकी खोपड़ी फट गई।