17. तब अम्मोनियोंने इकट्ठे होकर गिलाद में अपके डेरे डाले; और इस्राएलियोंने भी इकट्ठे होकर मिस्पा में अपके डेरे डाले।
18. तब गिलाद के हाकिम एक दूसरे से कहने लगे, कौन पुरूष अम्मोनियोंसे संग्राम आरम्भ करेगा? वही गिलाद के सब निवासियोंका प्रधान ठहरेगा।।
19. अबीमेलेक के बाद इस्राएल के छुड़ाने के लिये तोला नाम एक इस्साकारी उठा, वह दोदो का पोता और पूआ का पुत्र था; और एप्रैम के पहाड़ी देश के शामीर नगर में रहता था।
20. वह तेईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। तब मर गया, और उसको शामीर में मिट्टी दी गई॥
21. उसके बाद गिलादी याईर उठा, वह बाईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा।
22. और उसके तीस पुत्र थे जो गदहियों के तीस बच्चों पर सवार हुआ करते थे; और उनके तीस नगर भी थे जो गिलाद देश में हैं, और आज तक हब्बोत्याईर कहलाते हैं।
23. और याईर मर गया, और उसको कामोन में मिट्टी दी गई॥
24. तब इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, अर्थात बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों और आराम, सीदोन, मोआब, अम्मोनियों, और पलिश्तियों के देवताओं की उपासना करने लगे; और यहोवा को त्याग दिया, और उसकी उपासना न की।
25. तब यहोवा का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और उसने उन्हें पलिश्तियों और अम्मोनियों के आधीन कर दिया,