10. और यहूदा ने उन कनानियों पर चढ़ाई की जो हेब्रोन में रहते थे (हेब्रोन का नाम तो पूर्वकाल में किर्यतर्बा था); और उन्होंने शेशै, अहीमन, और तल्मै को मार डाला।
11. वहां से उसने जा कर दबीर के निवासियों पर चढ़ाई की। (दबीर का नाम तो पूर्वकाल में किर्यत्सेपेर था।)
12. तब कालेब ने कहा, जो किर्यत्सेपेर को मार के ले ले उसे मैं अपनी बेटी अकसा को ब्याह दूंगा।
13. इस पर कालेब के छोटे भाई कनजी ओत्नीएल ने उसे ले लिया; और उसने उसे अपनी बेटी अकसा को ब्याह दिया।
14. और जब वह ओत्नीएल के पास आई, तब उसने उसको अपने पिता से कुछ भूमि मांगने को उभारा; फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उस से पूछा, तू क्या चाहती है?
15. वह उस से बोली मुझे आशीर्वाद दे; तू ने मुझे दक्खिन देश तो दिया है, तो जल के सोते भी दे। इस प्रकार कालेब ने उसको ऊपर और नीचे के दोनों सोते दे दिए॥
16. और मूसा के साले, एक केनी मनुष्य के सन्तान, यहूदी के संग खजूर वाले नगर से यहूदा के जंगल में गए जो अराद के दक्खिन की ओर है, और जा कर इस्राएल लोगों के साथ रहने लगे।
17. फिर यहूदा ने अपने भाई शिमोन के संग जा कर सपत में रहने वाले कनानियों को मार लिया, और उस नगर को सत्यानाश कर डाला। इसलिये उस नगर का नाम होर्मा पड़ा।
18. और यहूदा ने चारों ओर की भूमि समेत अज्जा, अशकलोन, और एक्रोन को ले लिया।