13. वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंलियों से संकेत करता है,
14. उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा-रगड़ा उत्पन्न करता है।
15. इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, वह पल भर में ऐसा नाश हो जाएगा, कि बचने का कोई उपाय न रहेगा॥
16. छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उस को घृणा है
17. अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,