6. मदिरा उस को पिलाओ जो मरने पर है, और दाखमधु उदास मन वालों को ही देना;
7. जिस से वे पी कर अपनी दरिद्रता को भूल जाएं और अपने कठिन श्रम फिर स्मरण न करें।
8. गूंगे के लिये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का न्याय उचित रीति से किया कर।
9. अपना मुंह खोल और धर्म से न्याय कर, और दीन दरिद्रों का न्याय कर।