21. तीन बातों के कारण पृथ्वी कांपती है; वरन चार है, जो उस से सही नहीं जातीं:
22. दास का राजा हो जाना, मूढ़ का पेट भरना
23. घिनौनी स्त्री का ब्याहा जाना, और दासी का अपनी स्वामिन की वारिस होना॥
24. पृथ्वी पर चार छोटे जन्तु हैं, जो अत्यन्त बुद्धिमान हैं:
25. च्यूटियां निर्बल जाति तो हैं, परन्तु धूप काल में अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं;
26. शापान बली जाति नहीं, तौभी उनकी मान्दें पहाड़ों पर होती हैं;
27. टिड्डियों के राजा तो नहीं होता, तौभी वे सब की सब दल बान्ध बान्ध कर पलायन करती हैं;
28. और छिपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तौभी राजभवनों में रहती है॥
29. तीन सुन्दर चलने वाले प्राणी हैं; वरन चार हैं, जिन की चाल सुन्दर है: