1. राजा का मन नालियों के जल की नाईं यहोवा के हाथ में रहता है, जिधर वह चाहता उधर उस को फेर देता है।
2. मनुष्य का सारा चाल चलन अपनी दृष्टि में तो ठीक होता है, परन्तु यहोवा मन को जांचता है,
3. धर्म और न्याय करना, यहोवा को बलिदान से अधिक अच्छा लगता है।
4. चढ़ी आंखें, घमण्डी मन, और दुष्टों की खेती, तीनों पापमय हैं।