नीतिवचन 19:13-23 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. मूर्ख पुत्र पिता के लिये विपत्ति ठहरता है, और पत्नी के झगड़े-रगड़े सदा टपकने के समान है।

14. घर और धन पुरखाओं के भाग में, परन्तु बुद्धिमती पत्नी यहोवा ही से मिलती है।

15. आलस से भारी नींद आ जाती है, और जो प्राणी ढिलाई से काम करता, वह भूखा ही रहता है।

16. जो आज्ञा को मानता, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो अपने चाल चलन के विषय में निश्चिन्त रहता है, वह मर जाता है।

17. जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा।

18. जब तक आशा है तो अपने पुत्र को ताड़ना कर, जान बूझ कर उसको मार न डाल।

19. जो बड़ा क्रोधी है, उसे दण्ड उठाने दे; क्योंकि यदि तू उसे बचाए, तो बारम्बार बचाना पड़ेगा।

20. सम्मति को सुन ले, और शिक्षा को ग्रहण कर, कि तू अन्तकाल में बुद्धिमान ठहरे।

21. मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

22. मनुष्य कृपा करने के अनुसार चाहने योग्य होता है, और निर्धन जन झूठ बोलने वाले से उत्तम है।

23. यहोवा का भय मानने से जीवन बढ़ता है; और उसका भय मानने वाला ठिकाना पा कर सुखी रहता है; उस पर विपत्ती नहीं पड़ने की।

नीतिवचन 19