12. राजा का क्रोध सिंह की गरजन के समान है, परन्तु उसकी प्रसन्नता घास पर की ओस के तुल्य होती है।
13. मूर्ख पुत्र पिता के लिये विपत्ति ठहरता है, और पत्नी के झगड़े-रगड़े सदा टपकने के समान है।
14. घर और धन पुरखाओं के भाग में, परन्तु बुद्धिमती पत्नी यहोवा ही से मिलती है।
15. आलस से भारी नींद आ जाती है, और जो प्राणी ढिलाई से काम करता, वह भूखा ही रहता है।
16. जो आज्ञा को मानता, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, परन्तु जो अपने चाल चलन के विषय में निश्चिन्त रहता है, वह मर जाता है।