नीतिवचन 18:2-9 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

2. और सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है। मूर्ख का मन समझ की बातों में नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात प्रगट करना चाहता है।

3. जहां दुष्ट आता, वहां अपमान भी आता है; और निन्दित काम के साथ नामधराई होती है।

4. मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा उमण्डने वाली नदी वा बुद्धि के सोते हैं।

5. दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक मारना, अच्छा नहीं है।

6. बात बढ़ाने से मूर्ख मुकद्दमा खड़ा करता है, और अपने को मार खाने के योग्य दिखाता है।

7. मूर्ख का विनाश उस की बातों से होता है, और उसके वचन उस के प्राण के लिये फन्दे होते हैं।

8. कानाफूसी करने वाले के वचन स्वादिष्ट भोजन की नाईं लगते हैं; वे पेट में पच जाते हैं।

9. जो काम में आलस करता है, वह बिगाड़ने वाले का भाई ठहरता है।

नीतिवचन 18