12. ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है।
13. हंसी के समय भी मन उदास होता है, और आनन्द के अन्त में शोक होता है।
14. जिसका मन ईश्वर की ओर से हट जाता है, वह अपनी चाल चलन का फल भोगता है, परन्तु भला मनुष्य आप ही आप सन्तुष्ट होता है।
15. भोला तो हर एक बात को सच मानता है, परन्तु चतुर मनुष्य समझ बूझ कर चलता है।
16. बुद्धिमान डर कर बुराई से हटता है, परन्तु मूर्ख ढीठ हो कर निडर रहता है।