17. जो सच बोलता है, वह धर्म प्रगट करता है, परन्तु जो झूठी साक्षी देता, वह छल प्रगट करता है।
18. ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।
19. सच्चाई सदा बनी रहेगी, परन्तु झूठ पल ही भर का होता है।
20. बुरी युक्ति करने वालों के मन में छल रहता है, परन्तु मेल की युक्ति करने वालों को आनन्द होता है।
21. धर्मी को हानि नहीं होती है, परन्तु दुष्ट लोग सारी विपत्ति में डूब जाते हैं।
22. झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है।
23. चतुर मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊंचे शब्द से प्रचार करता है।