1. दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन:
2. इनके द्वारा पढ़ने वाला बुद्धि और शिक्षा प्राप्त करे, और समझ की बातें समझे,
3. और काम करने में प्रवीणता, और धर्म, न्याय और सीधाई की शिक्षा पाए;
4. कि भोलों को चतुराई, और जवान को ज्ञान और विवेक मिले;
5. कि बुद्धिमान सुन कर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए,
6. जिस से वे नितिवचन और दृष्टान्त को, और बुद्धिमानों के वचन और उनके रहस्यों को समझें॥
7. यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं॥
8. हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज;
9. क्योंकि वे मानो तेरे सिर के लिये शोभायमान मुकुट, और तेरे गले के लिये कन्ठ माला होंगी।
10. हे मेरे पुत्र, यदि पापी लोग तुझे फुसलाएँ, तो उनकी बात न मानना।