3. और उस में साक्षीपत्र के सन्दूक को रखकर बीच वाले पर्दे की ओट में करा देना।
4. और मेज़ को भीतर ले जा कर जो कुछ उस पर सजाना है उसे सजवा देना; तब दीवट को भीतर ले जाकर उसके दीपकों को जला देना
5. और साक्षीपत्र के सन्दूक के साम्हने सोने की वेदी को जो धूप के लिये है उसे रखना, और निवास के द्वार के पर्दे को लगा देना।
6. और मिलाप वाले तम्बू के निवास के द्वार के साम्हने होमवेदी को रखना।
7. और मिलाप वाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखके उस में जल भरना।
8. और चारों ओर के आंगन की कनात को खड़ा करना, और उस आंगन के द्वार पर पर्दे को लटका देना।
9. और अभिषेक का तेल ले कर निवास को और जो कुछ उस में होगा सब कुछ का अभिषेक करना, और सारे सामान समेत उसको पवित्र करना; तब वह पवित्र ठहरेगा।
10. और सब सामान समेत होमवेदी का अभिषेक करके उसको पवित्र करना; तब वह परमपवित्र ठहरेगी।
11. और पाए समेत हौदी का भी अभिषेक करके उसे पवित्र करना।