16. और मूसा ने जो जो आज्ञा यहोवा ने उसको दी थी उसी के अनुसार किया॥
17. और दूसरे बरस के पहिले महीने के पहिले दिन को निवास खड़ा किया गया।
18. और मूसा ने निवास को खड़ा करवाया, और उसकी कुसिर्यां धर उसके तख्ते लगाके उन में बेंड़े डाले, और उसके खम्भों को खड़ा किया;
19. और उसने निवास के ऊपर तम्बू को फैलाया, और तम्बू के ऊपर उसने ओढ़ने को लगाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
20. और उसने साक्षीपत्र को ले कर सन्दूक में रखा, और सन्दूक में डण्डों को लगाके उसके ऊपर प्रायश्चित्त के ढकने को धर दिया;
21. और उसने सन्दूक को निवास में पहुंचवाया, और बीच वाले पर्दे को लटकवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को उसके अन्दर किया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
22. और उसने मिलाप वाले तम्बू में निवास की उत्तर अलंग पर बीच के पर्दे से बाहर मेज़ को लगवाया,
23. और उस पर उन ने यहोवा के सम्मुख रोटी सजाकर रखी; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
24. और उसने मिलाप वाले तम्बू में मेज़ के साम्हने निवास की दक्खिन अलंग पर दीवट को रखा,
25. और उसने दीपकों को यहोवा के सम्मुख जला दिया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
26. और उसने मिलाप वाले तम्बू में बीच के पर्दे के साम्हने सोने की वेदी को रखा,
27. और उसने उस पर सुगन्धित धूप जलाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
28. और उसने निवास के द्वार पर पर्दे को लगाया।
29. और मिलापवाले तम्बू के निवास के द्वार पर होमबलि और अन्नबलि को चढ़ाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
30. और उसने मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उस में धोने के लिये जल डाला,