10. मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं।
11. यहोवा ने उससे कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है?
12. अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा।
13. उसने कहा, हे मेरे प्रभु, जिस को तू चाहे उसी के हाथ से भेज।