1. तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया।
2. यहोवा ने उससे कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी।
3. उसने कहा, उसे भूमि पर डाल दे; जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा।
4. तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है।
5. तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई।