33. और उसने बीच वाले बेंड़े को तख्तों के मध्य में तम्बू के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचने के लिये बनाया।
34. और तख्तों को उसने सोने से मढ़ा, और बेंड़ों के घर को काम देने वाले कड़ों को सोने के बनाया, और बेंड़ों को भी सोने से मढ़ा॥
35. फिर उसने नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का, और बटी हुई सूक्ष्म सनी वाले कपड़े का बीचवाला पर्दा बनाया; वह कढ़ाई के काम किये हुए करूबों के साथ बना।
36. और उसने उसके लिये बबूल के चार खम्भे बनाए, और उन को सोने से मढ़ा; उनकी घुंडियां सोने की बनी, और उसने उनके लिये चांदी की चार कुसिर्यां ढालीं।
37. और उसने तम्बू के द्वार के लिये नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का, और बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े का कढ़ाई का काम किया हुआ पर्दा बनाया।
38. और उसने घुंडियों समेत उसके पांच खम्भे भी बनाए, और उनके सिरों और जोड़ने की छड़ों को सोने से मढ़ा, और उनकी पांच कुसिर्यां पीतल की बनाईं॥