निर्गमन 34:25-35 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

25. मेरे बलिदान के लोहू को खमीर सहित न चढ़ाना, और न फसह के पर्ब्ब के बलिदान में से कुछ बिहान तक रहने देना।

26. अपनी भूमि की पहिली उपज का पहिला भाग अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में ले आना। बकरी के बच्चे को उसकी मां के दूध में ने सिझाना।

27. और यहोवा ने मूसा से कहा, ये वचन लिख ले; क्योंकि इन्हीं वचनों के अनुसार मैं तेरे और इस्त्राएल के साथ वाचा बान्धता हूं।

28. मूसा तो वहां यहोवा के संग चालीस दिन और रात रहा; और तब तक न तो उसने रोटी खाई और न पानी पिया। और उसने उन तख्तियों पर वाचा के वचन अर्थात दस आज्ञाएं लिख दीं॥

29. जब मूसा साक्षी की दोनों तख्तियां हाथ में लिये हुए सीनै पर्वत से उतरा आता था तब यहोवा के साथ बातें करने के कारण उसके चेहरे से किरणें निकल रही थी।, परन्तु वह यह नहीं जानता था कि उसके चेहरे से किरणें निकल रही हैं।

30. जब हारून और सब इस्त्राएलियों ने मूसा को देखा कि उसके चेहरे से किरणें निकलती हैं, तब वे उसके पास जाने से डर गए।

31. तब मूसा ने उन को बुलाया; और हारून मण्डली के सारे प्रधानों समेत उसके पास आया, और मूसा उन से बातें करने लगा।

32. इसके बाद सब इस्त्राएली पास आए, और जितनी आज्ञाएं यहोवा ने सीनै पर्वत पर उसके साथ बात करने के समय दी थीं, वे सब उसने उन्हें बताईं।

33. जब तक मूसा उन से बात न कर चुका तब तक अपने मुंह पर ओढ़ना डाले रहा।

34. और जब जब मूसा भीतर यहोवा से बात करने को उसके साम्हने जाता तब तब वह उस ओढ़नी को निकलते समय तक उतारे हुए रहता था; फिर बाहर आकर जो जो आज्ञा उसे मिलती उन्हें इस्त्राएलियों से कह देता था।

35. सो इस्त्राएली मूसा का चेहरा देखते थे कि उससे किरणें निकलती हैं; और जब तक वह यहोवा से बात करने को भीतर न जाता तब तक वह उस ओढ़नी को डाले रहता था॥

निर्गमन 34