14. बीस वर्ष के वा उससे अधिक अवस्था के जितने गिने जाएं उन में से एक एक जन यहोवा की भेंट दे।
15. जब तुम्हारे प्राणों के प्रायश्चित्त के निमित्त यहोवा की भेंट दी जाए, तब न तो धनी लोग आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल लोग उससे कम दें।
16. और तू इस्त्राएलियों से प्रायश्चित्त का रूपया ले कर मिलाप वाले तम्बू के काम में लगाना; जिस से वह यहोवा के सम्मुख इस्त्राएलियों के स्मरणार्थ चिन्ह ठहरे, और उनके प्राणों का प्रायश्चित्त भी हो॥
17. और यहोवा ने मूसा से कहा,
18. धोने के लिये पीतल की एक हौदी और उसका पाया पीतल का बनाना। और उसे मिलाप वाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उस में जल भर देना;