4. नगर तो लम्बा चौड़ा था, परन्तु उस में लोग थोड़े थे, और घर नहीं बने थे।
5. तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह उपजाया कि रईसों, हाकिमों और प्रजा के लोगों को इसलिये इकट्ठे करूं, कि वे अपनी अपनी वंशावली के अनुसार गिने जाएं। और मुझे पहिले पहिल यरूशलेम को आए हुओं का वंशावलीपत्र मिला, और उस में मैं ने यों लिख हुआ पाया:
6. जिन को बाबेल का राजा, नबूकदनेस्सर बन्धुआ कर के ले गया था, उन में से प्रान्त के जो लोग बन्धुआई से छूट कर, यरूशलेम और यहूदा के अपने अपने नगर को आए।
7. वे जरुब्बाबेल, येशू, नहेमायाह, अजर्याह, राम्याह, नहमानी, मोर्दकै, बिलशान, मिस्पेरेत, विग्वै, नहूम और बाना के संग आए।
8. इस्राएली प्रजा के लोगों की गिनती यह है: अर्थात परोश की सन्तान दो हजार एक सौ बहत्तर,
9. सपत्याह की सन्तान तीन सौ बहत्तर, आाह की सन्तान छ: सौ बावन।
10. पहत्मोआब की सन्तान याने येशू और योआब की सन्तान,
11. दो हजार आठ सौ अठारह।
12. एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन,
13. जत्तू की सन्तान आठ सौ पैंतालीस।
14. जवकै की सन्तान सात सौ साठ।
15. बिन्नूई की सन्तान छ:सौ अड़तालीस।
16. बेबै की सन्तान छ:सौ अट्ठाईस।
17. अजगाद की सन्तान दो हजार तीन सौ बाईस।
18. अदोनीकाम की सन्तान छ:सौ सड़सठ।
19. बिग्बै की सन्तान दो हजार सड़सठ।
20. आदीन की सन्तान छ:सौ पचपन।
21. हिचकिय्याह की सन्तान आतेर के वंश में से अट्ठानवे।