14. और इनके एक सौ अट्ठाईस शूरवीर भाई थे और इनका रखवाल हग्गदोलीम का पुत्र जब्दीएल था।
15. फिर लेवियों में से शमायाह जो हश्शूब का पुत्र था, यह अज्रीकाम का पुत्र, यह हुशब्याह का पुत्र, यह बुन्नी का पुत्र था।
16. ओर शब्बत और योजाबाद मुख्य लेवियों में से परमेश्वर के भवन के बाहरी काम पर ठहरे थे।
17. और मत्तन्याह जो मीका का पुत्र और जब्दी का पोता, और आसाप का परपोता था; वह प्रार्थना में धन्यवाद करने वालों का मुखिया था, और बकबुक्याह अपने भाइयों में दूसरा पद रखता था; और अब्दा जो शम्मू का पुत्र, और गालाल का पोता, और यदूतून का परपोता था।
18. जो लेवीय पवित्र नगर में रहते थे, वह सब मिलाकर दो सौ चौरासी थे।
19. और अक्कूब और तल्मोन नाम द्वारपाल और उनके भाई जो फाटकों के रख वाले थे, एक सौ बहत्तर थे।
20. और शेष इस्राएली याजक और लेवीय, यहूदा के सब नगरों में अपने अपने भाग पर रहते थे।
21. और नतीन लोग ओपेल में रहते; और नतिनों के ऊपर सीहा, और गिश्पा ठहराए गए थे।
22. और जो लेवीय यरूशलेम में रहकर परमेश्वर के भवन के काम में लगे रहते थे, उनका मुखिया आसाप के वंश के गवैयों में का उज्जी था, जो बानी का पुत्र था, यह हशब्याह का पुत्र, यह मत्तन्याह का पुत्र और यह हशब्याह का पुत्र था।
23. क्योंकि उनके विषय राजा की आज्ञा थी, और गवैयों के प्रतिदिन के प्रयोजन के अनुसार ठीक प्रबन्ध था।
24. और प्रजा के सब काम के लिये मशेजबेल का पुत्र पतह्याह जो यहूदा के पुत्र जेरह के वंश में था, वह राजा के पास रहता था।
25. बच गए गांव और उनके खेत, सो कुछ यहूदी किर्यतर्बा, और उनके गांव में, कुछ दीबोन, और उसके गांवों में, कुछ यकब्सेल और उसके गांवों में रहते थे।
26. फिर येशू, मोलादा, बेत्पेलेत;
27. हसर्शूआल, और बेर्शेबा और और उसके गांवों में;
28. और सिकलग और मकोना और उनके गांवों में;