दानिय्येल 11:29-45 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

29. नियत समय पर वह फिर दक्खिन देश की ओर जाएगा, परन्तु उस पिछली बार के समान इस बार उसका वश न चलेगा।

30. क्योंकि कित्तियों के जहाज उसके विरुद्ध आएंगे, और वह उदास हो कर लौटेगा, और पवित्र वाचा पर चिढ़ कर अपनी इच्छा पूरी करेगा। वह लौट कर पवित्र वाचा के तोड़ने वालों की सुधि लेगा।

31. तब उसके सहायक खड़े हो कर, दृढ़ पवित्र स्थान को अपवित्र करेंगे, और नित्य होमबलि को बन्द करेंगे। और वे उस घृणित वस्तु को खड़ा करेंगे जो उजाड़ करा देती है।

32. और जो दुष्ट हो कर उस वाचा को तोड़ेंगे, उन को वह चिकनी-चुपड़ी बातें कह कहकर भक्तिहीन कर देगा; परन्तु जो लोग अपने परमेश्वर का ज्ञान रखेंगे, वे हियाव बान्धकर बड़े काम करेंगे।

33. और लोगों को सिखाने वाले बुद्धिमान जन बहुतों को समझाएंगे, तौभी वे बहुत दिन तक तलवार से छिदकर और आग में जलकर, और बंधुए हो कर और लुटकर, बड़े दु:ख में पड़े रहेंगे।

34. जब वे दु:ख में पड़ेंगे तब थोड़ा बहुत सम्भलेंगे, परन्तु बहुत से लोग चिकनी-चुपड़ी बातें कह कहकर उन से मिल जाएंगे;

35. और सिखाने वालों में से कितनें गिरेंगे, और इसलिये गिरने पाएंगे कि जांचे जाएं, और निर्मल और उजले किए जाएं। यह दशा अन्त के समय तक बनी रहेगी, क्योंकि इन सब बातों का अन्त नियत समय में होने वाला है॥

36. तब वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार काम करेगा, और अपने आप को सारे देवताओं से ऊंचा और बड़ा ठहराएगा; वरन सब देवताओं के परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें कहेगा। और जब तक परमेश्वर का क्रोध न हो जाए तब तक उस राजा का कार्य सफल होता रहेगा; क्योंकि जो कुछ निश्चय कर के ठाना हुआ है वह अवश्य ही पूरा होने वाला है।

37. वह अपने पुरखाओं के देवताओं की चिन्ता ना करेगा, न स्त्रियों की प्रीति की कुछ चिन्ता करेगा और न किसी देवता की; क्योंकि वह अपने आप ही को सभों के ऊपर बड़ा ठहराएगा।

38. वह अपने राजपद पर स्थिर रहकर दृढ़ गढ़ों ही के देवता का सम्मान करेगा, एक ऐसे देवता का जिसे उसके पुरखा भी न जानते थे, वह सोना, चान्दी, मणि और मनभावनी वस्तुएं चढ़ा कर उसका सम्मान करेगा।

39. उस बिराने देवता के सहारे से वह अति दृढ़ गढ़ों से लड़ेगा, और जो कोई उसको माने उसे वह बड़ी प्रतिष्ठा देगा। ऐसे लोगों को वह बहुतों के ऊपर प्रभुता देगा, और अपने लाभ के लिए अपने देश की भूमि को बांट देगा॥

40. अन्त के समय दक्खिन देश का राजा उसको सींग मारने लगेगा; परन्तु उत्तर देश का राजा उस पर बवण्डर की नाईं बहुत से रथ-सवार और जहाज ले कर चढ़ाई करेगा; इस रीति से वह बहुत से देशों में फैल जाएगा, और उन में से निकल जाएगा।

41. वह शिरोमणि देश में भी आएगा। और बहुत से देश उजड़ जाएंगे, परन्तु ऐदोमी, मोआबी और मुख्य मुख्य अम्मोनी आदि जातियों के देश उसके हाथ से बच जाएंगे।

42. वह कई देशों पर हाथ बढ़ाएगा और मिस्र देश भी न बचेगा।

43. वह मिस्र के सोने चान्दी के खजानों और सब मनभावनी वस्तुओं का स्वामी हो जाएगा; और लूबी और कूशी लोग भी उसके पीछे हो लेंगे।

44. उसी समय वह पूरब और उत्तर दिशाओं से समाचार सुन कर घबराएगा, और बड़े क्रोध में आकर बहुतों को सत्यानाश करने के लिये निकलेगा।

45. और वह दोनों समुद्रों के बीच पवित्र शिरोमणि पर्वत के पास अपना राजकीय तम्बू खड़ा कराएगा; इतना करने पर भी उसका अन्त जा जाएगा, और कोई उसका सहायक न रहेगा॥

दानिय्येल 11