5. तब जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने बाहर जा कर मुझ से कहा, आंखें उठा कर देख कि वह क्या वस्तु निकली जा रही है?
6. मैं ने पूछा, वह क्या है? उसने कहा? वह वस्तु जो निकली जा रही है वह एक एपा का नाप है। और उसने फिर कहा, सारे देश में लोगों का यही रूप है।
7. फिर मैं ने क्या देखा कि किक्कार भर शीशे का एक बटखरा उठाया जा रहा है, और एक स्त्री है जो एपा के बीच में बैठी है।
8. और दूत ने कहा, इसका अर्थ दुष्टता है। और उसने उस स्त्री को एपा के बीच में दबा दिया, और शीशे के उस बटखरे को ले कर उस से एपा का मुंह ढांप दिया।