34. और योतबाता से कूच करके अब्रोना में डेरे खड़े किए।
35. और अब्रोना से कूच करके एस्योनगेबेर में डेरे खड़े किए।
36. और एस्योनगेबेर के कूच करके उन्होंने सीन नाम जंगल के कादेश में डेरा किया।
37. फिर कादेश से कूच करके होर पर्वत के पास, जो एदोम देश के सिवाने पर है, डेरे डाले।
38. वहां इस्त्राएलियों के मिस्र देश से निकलने के चालीसवें वर्ष के पांचवें महीने के पहिले दिन को हारून याजक यहोवा की आज्ञा पाकर होर पर्वत पर चढ़ा, और वहां मर गया।
39. और जब हारून होर पर्वत पर मर गया तब वह एक सौ तेईस वर्ष का था।
40. और अरात का कनानी राजा, जो कनान देश के दक्खिन भाग में रहता था, उसने इस्त्राएलियों के आने का समाचार पाया।
41. तब इस्त्राएलियों ने होर पर्वत से कूच करके सलमोना में डेरे डाले।
42. और सलमोना से कूच करके पूनोन में डेरे डाले।
43. और पूनोन से कूच करके ओबोस में डेरे डाले।
44. और ओबोस से कूच करके अबारीम नाम डीहों में जो मोआब के सिवाने पर हैं, डेरे डाले।
45. तब उन डीहों से कूच करके उन्होंने दीबोनगाद में डेरा किया।
46. और दीबोनगाद से कूच करके अल्मोनदिबलातैम से कूच करके उन्होंने अबारीम नाम पहाड़ों में नबो के साम्हने डेरा किया।
47. और अल्मोनदिबलातैम से कूच करके उन्होंने अबारीम नाम पहाड़ों में नबो के साम्हने डेरा किया।
48. फिर अबारीम पहाड़ों से कूच करके मोआब के अराबा में, यरीहो के पास यरदन नदी के तट पर डेरा किया।
49. और वे मोआब के अराबा में वेत्यशीमोत से ले कर आबेलशित्तीम तक यरदन के तीर तीर डेरे डाले॥
50. फिर मोआब के अराबा में, यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर, यहोवा ने मूसा से कहा,
51. इस्त्राएलियों को समझाकर कह, जब तुम यरदन पार हो कर कनान देश में पहुंचो
52. तब उस देश के निवासियों उनके देश से निकाल देना; और उनके सब नक्काशे पत्थरों को और ढली हुई मूतिर्यों को नाश करना, और उनके सब पूजा के ऊंचे स्थानों को ढा देना।