48. और नप्ताली के पुत्र जिस से उनके कुल निकले वे थे थे; अर्थात यहसेल, जिस से यहसेलियों का कुल चला; और गूनी, जिस से गूनियों का कुल चला;
49. थेसेर, जिस से थेसेरियों का कुल चला; और शिल्लेम, जिस से शिल्लेमियों का कुल चला।
50. अपने कुलों के अनुसार नप्ताली के कुल ये ही थे; और इन में से जो गिने गए वे पैंतालीस हजार चार सौ पुरूष थे॥
51. सब इस्त्राएलियों में से जो गिने गए थे वे ये ही थे; अर्थात छ: लाख एक हजार सात सौ तीस पुरूष थे॥
52. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
53. इन को, इनकी गिनती के अनुसार, वह भूमि इनका भाग होने के लिये बांट दी जाए।
54. अर्थात जिस कुल से अधिक हों उन को अधिक भाग, और जिस में कम हों उन को कम भाग देना; प्रत्येक गोत्र को उसका भाग उसके गिने हुए लोगों के अनुसार दिया जाए।
55. तौभी देश चिट्ठी डालकर बांटा जाए; इस्त्राएलियों के पितरों के एक एक गोत्र का नाम, जैसे जैसे निकले वैसे वैसे वे अपना अपना भाग पाएं।
56. चाहे बहुतों का भाग हो चाहे थोड़ों का हो, जो जो भाग बांटे जाएं वह चिट्ठी डालकर बांटे जाए॥
57. फिर लेवियों में से जो अपने कुलों के अनुसार गिने गए वे ये हैं; अर्थात गेर्शोनियों से निकला हुआ गेर्शोनियों का कुल; कहात से निकला हुआ कहातियों का कुल; और मरारी से निकला हुआ मरारियों का कुल।
58. लेवियों के कुल ये हैं; अर्थात लिब्नियों का, हेब्रानियों का, महलियों का, मूशियों का, और कोरहियों का कुल। और कहात से अम्राम उत्पन्न हुआ।
59. और अम्राम की पत्नी का नाम योकेबेद है, वह लेवी के वंश की थी जो लेवी के वंश में मिस्र देश में उत्पन्न हुई थी; और वह अम्राम से हारून और मूसा और उनकी बहिन मरियम को भी जनी।
60. और हारून से नादाब, अबीहू, एलीआजर, और ईतामार उत्पन्न हुए।