41. अपने कुलों के अनुसार बिन्यामीनी ये ही थे; और इन में से जो गिने गए वे पैंतालीस हजार छ: सौ पुरूष थे॥
42. और दान का पुत्र जिस से उनका कुल निकला यह था; अर्थात शूहाम, जिस से शूहामियों का कुल चला। और दान का कुल यही था।
43. और शूहामियों में से जो गिने गए उनके कुल में चौसठ हजार चार सौ पुरूष थे॥
44. और आशेर के पुत्र जिस से उनके कुल निकले वे ये थे; अर्थात यिम्ना, जिस से यिम्नियों का कुल चला; यिश्री, जिस से यिश्रीयों का कुल चला; और बरीआ, जिस से बरीइयों का कुल चला।
45. फिर बरीआ के ये पुत्र हुए; अर्थात हेबेर, जिस से हेबेरियों का कुल चला; और मल्कीएल, जिस से मल्कीएलियों का कुल चला।
46. और आशेर की बेटी का नाम सेरह है।
47. आशेरियों के कुल ये ही थे; इन में से तिर्पन हजार चार सौ पुरूष गिने गए॥
48. और नप्ताली के पुत्र जिस से उनके कुल निकले वे थे थे; अर्थात यहसेल, जिस से यहसेलियों का कुल चला; और गूनी, जिस से गूनियों का कुल चला;
49. थेसेर, जिस से थेसेरियों का कुल चला; और शिल्लेम, जिस से शिल्लेमियों का कुल चला।
50. अपने कुलों के अनुसार नप्ताली के कुल ये ही थे; और इन में से जो गिने गए वे पैंतालीस हजार चार सौ पुरूष थे॥
51. सब इस्त्राएलियों में से जो गिने गए थे वे ये ही थे; अर्थात छ: लाख एक हजार सात सौ तीस पुरूष थे॥
52. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
53. इन को, इनकी गिनती के अनुसार, वह भूमि इनका भाग होने के लिये बांट दी जाए।
54. अर्थात जिस कुल से अधिक हों उन को अधिक भाग, और जिस में कम हों उन को कम भाग देना; प्रत्येक गोत्र को उसका भाग उसके गिने हुए लोगों के अनुसार दिया जाए।
55. तौभी देश चिट्ठी डालकर बांटा जाए; इस्त्राएलियों के पितरों के एक एक गोत्र का नाम, जैसे जैसे निकले वैसे वैसे वे अपना अपना भाग पाएं।