5. तब कोई उस बछिया को खाल, मांस, लोहू, और गोबर समेत उसके साम्हने जलाए;
6. और याजक देवदारू की लकड़ी, जूफा, और लाल रंग का कपड़ा ले कर उस आग में जिस में बछिया जलती हो डाल दे।
7. तब वह अपने वस्त्र धोए और स्नान करे, इसके बाद छावनी में तो आए, परन्तु सांझ तक अशुद्ध रहे।
8. और जो मनुष्य उसको जलाए वह भी जल से अपने वस्त्र धोए और स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।
9. फिर कोई शुद्ध पुरूष उस बछिया की राख बटोरकर छावनी के बाहर किसी शुद्ध स्थान में रख छोड़े; और वह राख इस्त्राएलियों की मण्डली के लिये अशुद्धता से छुड़ाने वाले जल के लिये रखी रहे; वह तो पापबलि है।
10. और जो मनुष्य बछिया की राख बटोरे वह अपने वस्त्र धोए, और सांझ तक अशुद्ध रहे। और यह इस्त्राएलियों के लिये, और उनके बीच रहने वाले परदेशियों के लिये भी सदा की विधि ठहरे।
11. जो किसी मनुष्य की लोथ छूए वह सात दिन तक अशुद्ध रहे;