1. मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्तुओं का स्वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं।
2. परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकोंऔर भण्डारियों के वश में रहता है।
3. वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे।
4. परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ।